Sunday 19 June, 2011
लोग .. क्यों मुझसे ..
यह कतई संभव नहीं है कि जि़दगी का हर मौसम सुहाना ही हो .. हर साल .. हर महीना .. हर सप्ताह .. हर दिन .. हर घंटे .. हर पल .. कोई अभूतपूर्व व सुंदर हो और यादगार या बेमिसाल हो .. तो फिर .. मुझे यह समझ नहीं आता .. कि .. लोग .. क्यों मुझसे .. ये अपेक्षा करते हैं कि .. मैं कैनवास पर जो कुछ भी बनाउंगा .. वह लाजवाब ही होगा ..
कभी .. किसी पल ..
कभी .. किसी पल .. जब कुछ भी याद आता है .. इस तरह से लिख कर .. रख लेता हूं -
- किताब में कोई स्केच या रेखांकन अथवा फिर कोई अन्य फोटो या रेखात्मक अभिव्यक्ति की कोई आवश्यकता नहीं है ..
- I am aware of .. the Newton’s Law of Gravitation .. BUT .. I am yet to understand .. audio-visual attraction ..
- कभी .. ऐसा भी होता है कि भ्रम की स्थिति .. अच्छी लगती है .. हकीकत से दिल परहेज करता है .. शायद इसलिये भी कि .. वास्तविकता कई बार . नहीं ,, कई कई बार लगा है .. कि किताब तो महज किताब है .. की प्रतिकूलता से .. मन वाकिफ होता है और इसलिये ऐसी किसी स्थिति से बचना चाहता है ..
- ये शब्द-संकलन है .. या फिर आइना है .. वक्त के किसी हिस्से का .. मैं सोच रहा था ..
- क्या फिर से .. मैं रेखाओं और रंगो के करीब आ रहा हूं .. चाहे इस बात में कितनी भी सचाई हो लेकिन .. यह तो तय है और सच है .. कि मैं रेखा और रंग के कारण ही जाना जाता हूं ..
- किताब में कोई स्केच या रेखांकन अथवा फिर कोई अन्य फोटो या रेखात्मक अभिव्यक्ति की कोई आवश्यकता नहीं है ..
- I am aware of .. the Newton’s Law of Gravitation .. BUT .. I am yet to understand .. audio-visual attraction ..
- कभी .. ऐसा भी होता है कि भ्रम की स्थिति .. अच्छी लगती है .. हकीकत से दिल परहेज करता है .. शायद इसलिये भी कि .. वास्तविकता कई बार . नहीं ,, कई कई बार लगा है .. कि किताब तो महज किताब है .. की प्रतिकूलता से .. मन वाकिफ होता है और इसलिये ऐसी किसी स्थिति से बचना चाहता है ..
- ये शब्द-संकलन है .. या फिर आइना है .. वक्त के किसी हिस्से का .. मैं सोच रहा था ..
- क्या फिर से .. मैं रेखाओं और रंगो के करीब आ रहा हूं .. चाहे इस बात में कितनी भी सचाई हो लेकिन .. यह तो तय है और सच है .. कि मैं रेखा और रंग के कारण ही जाना जाता हूं ..
Thursday 9 June, 2011
Tuesday 7 June, 2011
तब दर्द .. दिल में होता है ..
जब कहीं कुछ खो जाता है .. फिर .. वजह .. चाहे कुछ भी हो .. तो .. दुख का होना स्वभाविक है और .. फिर यह उस घाव की तरह होता है जो शुरू में तो दर्द करता है लेकिन समय के साथ-साथ फिर जब क्रमशः घाव भरने लरता है तो दर्द भी .. धिरे-धिरे गायब होने लगता है .. कालांतर में .. चोट के निशान .. कभी याद दिलाते हैं तब दर्द .. दिल में होता है .. याद करके ..
Sunday 5 June, 2011
यह भी ..
गुरू जी कक्षा में पढ़ा रहे थे – कल जो करना है .. उसे आज और आज जो करना है .. बच्चों .. उसे अभी करना चाहिये .. । एक बच्चा उठा और कक्षा के बाहर जाने लगा । गुरू जी ने उससे बाहर जाने का कारण पूछा – बच्चे ने जवाब दिया – गुरू जी .. गुरू जी .. आप ही ने तो अभी-अभी कहा था कि .. कल जो करना है .. उसे आज ही कर लेना चाहिये .. इसलिये मैं घर जा रहा हूं .. कल का खाना भी .. आज ही खा लेना चाहता हूं ..
Saturday 4 June, 2011
my intutions ..
I am aware of my intutions .. I know .. but .. वही तो होना है .. जो किस्मत में लिखा है .. और जो लिखा है उसे कोई बदल तो नहीं सकता .. THESE ARE the situations about intitions .. intitions for myself ..
Friday 3 June, 2011
कहावतें ..
कहावतें .. मुझे लगता है कि यूं ही प्रचलन में नहीं आई हैं .. सार्थकता के बिना लम्बे समय तक .. कहावतों का .. अस्तित्व में बने रहना या सामयिक रह पाना असंभव है ..
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