Wednesday 27 April, 2011

मैं सोच रहा था ..

विचारों का मंथन था ..
मैं सोच रहा था ..
शब्द
जहां नहीं थे ..
वहां
फिर ..
तूलिका ने

साथ दिया था ..

Tuesday 26 April, 2011

मैं सोच रहा था ..

रेखा और रंग .. समय के आघात से टूटकर कुछ इस तरह से इकट्ठे हो गये थे कि मजबूर होकर .. मैं सोच रहा था .. कि आखिर ये क्या संप्रेषित करना चाहते हैं ..